न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने मंगलवार को हाई कोर्ट के निर्देश के बाद फिर से पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करते ही कई निर्णय लिए। एमआरआई मशीन खरीदने से लेकर डॉक्टरों की प्रोन्नति और रिम्स परिसर स्थित एसबीआई बैंक के समीप बंद पड़े गेट को अस्थाई रूप से खोलने का निर्देश दिया। लेकिन महेश 12 घंटे के बाद ही गेट को फिर से बंद कर दिया गया। सुबह 7.45 बजे गेट के पास तैनात महिला सुरक्षा कर्मियों से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि सुबह में आदेश हुआ है कि गेट फिर से बंद कर दिया जाए। गेट खुलने की सूचना मिलने के कारण कई लोग बुधवार की सुबह इस रूट से आए मगर गेट में ताला लगे रहने के कारण उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा।
गोल्डन आवर को खुद कम कर रहा है रिम्स
सड़क हादसे में गोल्डेन आवर काफी महत्वपूर्ण है। केंद्र और राज्य सरकार गोल्डन आवर के संबंध में जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाती रहती है। लोगों को बताया जाता है की दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाएं तो किसी प्रकार की कानूनी परेशानी उन्हें नहीं होगी। अस्पताल पहुंचाने वालों के इनाम भी दिया जाएगा। ऐसा इसलिए की दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज मिले और उसकी जान बचाई जा सके लेकिन रिम्स प्रबंधन खुद ही गोल्डन आवर को कम कर रहा है। दरअसल रिम्स परिसर स्थित एसबीआई बैंक के पास गेट बंद रहने के कारण एंबुलेंस में घायल मरीज को काफी घुमाकर इमरजेंसी ले जाना पड़ता है। लगातार प्रबंधन को इस संबंध में सूचना दी जा रही थी। रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री को भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया था। इधर, मंगलवार को गेट खोल दिए जाने से काफी लोगों ने राहत की सांस ली थी। मगर रिम्स प्रबंधन ने फिर से अपने फैसले को पलट दिया है और परेशानी फिर बढ़ गई।