न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची के हिंदपीढ़ी स्थित मदरसा इस्लामी मरकज में गुरुवार को इदार ए शरिया के नाजिम ए आला नाजिम मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के प्रभावों पर चर्चा की गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 4 मई 2025 दिन रविवार को दोपहर 2 बजे से उर्स मैदान डोरंडा में झारखंड मुस्लिम युवा संघ के तत्वावधान में आयोजित वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में होने वाले विरोध सभा का समर्थन किया जाएगा।
देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है नया कानून
मौलाना कुतुबुद्दीन ने बताया कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, भारत के संविधान और मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ बनाया गया है, जिसका देश के सभी निवासियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह न केवल शरीयत में हस्तक्षेप है बल्कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के भी खिलाफ है, जो देश के हर वर्ग के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है, जिसका स्पष्ट अर्थ यह है कि संपूर्ण यह संविधान को निष्प्रभावी करने वाला कानून है, इसलिए प्रत्येक नागरिक के लिए यह जरूरी है कि वह इस निराधार और असंवैधानिक कानून का विरोध करें। केंद्र सरकार को इस कानून को वापस लेने के लिए मजबूर करें।
शांतिपूर्ण तरीके से सभा में शामिल हो
इदार ए शरिया ने सभी देशभक्तों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति से अनुरोध किया है कि वे बड़ी संख्या में विरोध सभा में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लें। सभा में भाग लेने के लिए जुलूस के रूप में न आएं और न ही रास्ते में कोई नारे लगाएं। कहीं भी सड़कें अवरुद्ध न करें। झारखंड मुस्लिम यूथ यूनियन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखें। मौके पर झारखंड युवा मंच के अध्यक्ष शाहिद अयूबी, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के अकील-उर-रहमान, कारी मोहम्मद अयूब रिजवी, मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद सोनू, मौलाना मुफ्ती आकिब जावेद, मौलाना नूर आलम फैजी, मौलाना साकिब रजा , कारी शौकत बरकाती, अरशद कुरैशी और जमीरउद्दीन समेत अन्य मौजूद थे।