बिहार में 82 प्रतिशत हैं हिंदू, मुस्लिमों की आबादी 17.7 फीसदी, जातीय गणना पर लालू-नीतीश के सुर अलग

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
बिहार सरकार ने काफी लंबे इंतजार व कानूनी अड़चनों के बाद आखिरकार सोमवार को जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिया। बिहार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने गणना पर एक किताब जारी की। इन आंकड़ों को जारी करने के साथ ही बिहार देश का पहला राज्य बन गया जिसने जातीय गणना कर उसे जारी किया है। जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में करीब 82 फीसदी हिंदू हैं। वहीं, मुस्लिमों की संख्या 17.7 प्रतिशत है। बताते चलें कि गणना के आंकड़ों के अनुसार बिहार की जनसंख्या 13,7, 25, 310 है। जिसमें 2, 83, 44,160 परिवार है। इनमें पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)  27 फीसदी हैं। आंकड़ों के अनुसार अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है।

सबसे अधिक है यादव जाति की संख्या
बिहार में सबसे अधिक आबादी यादव जाति की है। यहां कुल 14.26 फीसदी यादव हैं। ब्राह्मण की संख्या 3.65 फीसदी है। राजपूत (ठाकुर) 3.45 फीसदी और सबसे कम संख्या 0.60 कायस्थों की है। वर्तमान में बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग को नौकरी में 18% आरक्षण और ओबीसी को 12% आरक्षण दिया जा रहा है।

बिहार सरकार द्वारा जारी जाति आधारित गणना- 2022 के आंकड़े

एक नजर में देखें किसकी कितनी है आबादी
– यादव- 14. 2666 फीसदी
– कुर्मी- 2.8785 फीसदी
– कुशवाहा- 4.2120 फीसदी
– ब्राह्मण- 3.6575 प्रतिशत
– भूमिहार- 2.8683 प्रतिशत
– राजपूत- 3.4505 प्रतिशत
– मुसहर- 3.0872 प्रतिशत
– मल्लाह- 2.6086 फीसदी
– बनिया- 2.3155 फीसदी
– कायस्थ- 0.60 फीसदी

जिसकी जितनी संख्या, उनकी उतनी हो हिस्सेदारी : लालू
लालू यादव ने जातीय गणना के आंकड़ें जारी किए जाने को लेकर एक्स (पहले ट्विटर) पर कहा कि आज गांधी जयंती पर इस

ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे। सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे

धर्म के आधार पर देखें किसकी कितनी है संख्या

आर्थिक स्थिति की मिली है जानकारी, इस आधार पर होगा काम : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक्स (पहले ट्विटर) पर कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई। जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।

 हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/EVBAiUdCPZGL492hCJH8Mw

WhatsApp Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
Telegram Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
Instagram Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
Share This Article
Exit mobile version