लोगों की आवाज को बुलंद करती है पुस्तक : डॉ कोनी

कैसे प्रतिकूलता और प्रतिकूल अनुभव बच्चों एवं किशोरों को विकास से रोकते हैं विषयक संगोष्ठी

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची : राँची प्रेस क्लब में ड्रीम ए ड्रीम संस्था के तत्वावधान में ‘‘कैसे प्रतिकूलता और प्रतिकूल अनुभव बच्चों एवं किशोरों को विकास से रोकते हैं’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी में ड्रीम ए ड्रीम संस्था की पुस्तक ‘‘व्हेन वी थ्राइव, अवर वर्ल्ड थ्राइव्स’’ के लेखक डॉ. कोनी के चुंग, लेखक सुधीर पाल और लेखक डॉ शाहनवाज कुरैशी ने अपने विचार साझा किए।

…विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की
मुख्य अतिथि हार्वर्ड स्कूल ऑफ़ एजुकेशन की डॉ. कोनी के चुंग ने इस अवसर पर कहा कि यह पुस्तक उन लोगों की आवाज को बुलंद करती है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की है. यह पुस्तक न केवल बदलाव की कहानियां बयां करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे देखभाल करने वाले वयस्क युवा दिमागों को आगे बढ़ने और अपने समुदायों का नेतृत्व करने में मदद कर सकते हैं. उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ने में ड्रीम ए ड्रीम के प्रयासों की सराहना की. संस्था के सह-संस्थापक विशाल तलरेजा ने झारखंड के सन्दर्भ में झारखण्ड के युवाओं की कहानियों को एकजुट करने का सुझाव दिया. सुधीर पाल ने कहा कि पुस्तक प्रतिकूल परिस्थितियों में युवाओं का मार्गदर्शन करती है. उन्होंने झारखंड में युवाओं की बेहतरीन कहानियों की भी पहचान करने पर बल दिया.

झारखंड युवाओं का पावर हाउस है
डॉ शाहनवाज कुरैशी ने झारखंड में महिला हॉकी पुस्तक में समस्याओं से जूझने और सफलता हासिल करने की कहानी बतायी. उन्होंने यह कहा कि झारखंड के युवाओं में विषम परिस्थियों से जूझते हुए आगे बढ़ने का नैसर्गिक गुण है.
ड्रीम ए ड्रीम के शारिक मशहदी ने कहा कि हम जल्द ही झारखंड के परिपेक्ष्य में युवाओं की परिस्थितियों एवं प्रतिकुलाताओं को समझने हेतु एक शोध कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड युवाओं का पावर हाउस है. सरकार एवं गैर सरकारी संस्थाओं को मिलकर एक साझा रणनीती एवं कार्यक्रम का निर्माण करना होगा. इस संगोष्ठी में अजीत मिश्रा, डॉ नसरीन जमाल, डॉ शाहाब आर्यन, वर्षा सिंह, सुनीता लकड़ा नाजिया परवीन, नवीन सान्याल, संयुक्ता पासवान, परोमा सरकार आदि मौजूद थे।

कौन हैं डॉ कोनी
डॉ कोनी के चुंग, हार्वर्ड स्कूल ऑफ़ एजुकेशन, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पी.एच.डी है. उन्होंने कई दशकों तक युवाओं एवं बच्चों की प्रतिकूल अनुभव पर विश्व के कई देशों में शोध कार्य किया है. भारत में उनका शोध कार्य पुस्तक ‘‘व्हेन वी थ्राइव, अवर वर्ल्ड थ्राइव्स’’ के रूप में ड्रीम ए ड्रीम के द्वारा प्रकाशित कराया गया है.

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