न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची के जाने-माने समाजसेवी और स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले रमजान कुरैशी का शनिवार को आकस्मिक निधन हो गया। यह हादसा जमीयतुल कुरैश 84 पंचायत चुनाव में हो रही सभा के दौरान मंच पर ही हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सभा में संबोधन देते समय उनकी तबीयत बिगड़ी और वह मंच पर गिर पड़े। तुरंत उन्हें केसी राय मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गयां लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें हार्ट अटैक आया था।
सेवा और समर्पण से भरा जीवन
पिछले दो दशकों से रमजान कुरैशी लगातार स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहे। गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए वह हमेशा आगे रहते थ। चाहे आर्थिक सहायता, इलाज का इंतजाम या किसी संकटग्रस्त परिवार को सहारा देना हो। उनकी कोशिशों से कई गरीब बच्चों को शिक्षा मिली, मरीजों का मुफ्त इलाज हुआ और कई परिवारों को नया जीवन मिला। यह काम वह तब करते थे कि जब ओपन हार्ट सर्जरी उनका हुआ था। लेकिन खुद बीमारी से जूझते हुए भी दूसरों की मदद के लिए वे बेचैन रहते थे। खासकर हार्ट पेशेंट की सूचना मिलने पर उनको हरसंभव मदद करते थे।
खबर मिलते ही फैली शोक की लहर
उनके निधन की खबर से न केवल परिजन, बल्कि पूरा शहर स्तब्ध है। मोहल्ले के लोग, शुभचिंतक और सामाजिक संगठन लगातार उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी शोक संदेशों की बाढ़ है। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनकी समाजसेवा को याद करते हुए कहा “रमजान कुरैशी जैसे व्यक्तित्व की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। मोमिन जमिअतुल चौरासी पंचायत ने उनके निधन की खबर मिलते ही बैठक स्थगित करने की सूचना दी है।
पत्नी के अलावा परिवार में एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए
रमजान कुरैशी अपने पीछे पत्नी के अलावा एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़कर गए हैं। जैसे ही पत्नी व बच्चों को उनके निधन की जानकारी मिली सभी दहाड़ें मारकर रोने लगे। रिश्तेदार भी सूचना मिलते ही डोरंडा स्थित उनके घर पर पहुंच गए। परिवार के सभी सदस्य गहरे सदमे में हैं। घर में लगातार परिचित, रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग पहुंच रहे हैं। महिलाओं के बीच रोने की आवाज़ें और पुरुषों के चेहरों पर गहरा दुःख साफ़ झलक रहा है। जो भी रमजान कुरैशी के निधन की खबर सुन रहे हैं वे यही कह रहे हैं कि “कुरैशी साहब जैसे लोग समाज में बार-बार पैदा नहीं होते।