
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची जिला प्रशासन द्वारा अंचल निरीक्षकों एवं राजस्व उप निरीक्षकों की कार्यशैली में सुधार को लेकर शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने अधिकारियों को जनहित से जुड़े मामलों के त्वरित निष्पादन और बेहतर कार्य संस्कृति अपनाने के निर्देश दिया। उपायुक्त ने हल्कावार लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से देरी का कारण पूछा और 10 डिसिमल तक के 90 दिनों से अधिक पुराने मामलों का 7 दिन में निपटारा सुनिश्चित करने का आदेश दिया। साथ ही जाति, आवासीय प्रमाण-पत्र, सीमांकन और परिशोधन पोर्टल पर लंबित मामलों को भी एक सप्ताह के भीतर पूरा करने को कहा गया।

लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
अपने संबोधन में डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि अगर कोई अधिकारी जनहित में कार्य नहीं कर सकता, तो वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ले। उन्होंने स्पष्ट किया कि लापरवाही और शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि दाखिल-खारिज मामलों में कोई तकनीकी समस्या है, तो उसे राज्य स्तर पर समन्वय कर हल किया जाएगा।

आम लोगों से शालिनता से आएं पेश
डीसी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आम जनता से शालीनता से पेश आएं और बिचौलियों को कार्यालयों से दूर रखें। उन्होंने जिलावासियों से अपील की कि यदि कार्यालयों में बिचौलिए नजर आएं तो श्अबुआ साथीश् व्हाट्सएप नंबर 9430328080 पर जानकारी दें, और सूचनादाता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

मंगलवार को हर अंचल में लगेगा जनता दरबार
डीसी ने निर्देश दिया कि हर मंगलवार को सभी अंचल अधिकारी आम जनता से मिलें और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान करें। अन्य कार्य दिवसों में भी दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक नागरिकों की समस्याओं को सुना जाए। इसके साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भूमि चिन्हांकन कार्य एक सप्ताह में पूरा करने के निर्देश भी दिए गए। मालूम हो कि यह कार्यशाला यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित की गई। जिसमें प्रेमचंद द्वारा पीपीटी के माध्यम से अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
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