
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
भगवान बिरसा जैविक उद्यान, रांची में वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर से 6 वर्षीय मादा ज़िराफ़ ‘मिस्टी’ और सिल्वर फीजेंट का एक जोड़ा रांची पहुंचा है। यह जीवों का आदान-प्रदान कार्यक्रम कई महीनों से लंबित था जिसे अब सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
24 घंटे का लंबा सफर, खास इंतज़ाम
मादा ज़िराफ़ मिस्टी की ऊंचाई 12 फीट से अधिक है, और इसके लिए 14 फीट ऊंचा विशेष बाड़ा बनाया गया। कोलकाता से रांची तक इसे निम्न तल ट्रेलर में लादकर लाया गया, फिर भी इसकी कुल ऊंचाई 16-17 फीट रही, जिससे सफर में विशेष सावधानी बरतनी पड़ी। लगभग 24 घंटे की यात्रा के बाद इसे सकुशल रांची पहुंचाया गया।

वन विभाग की निगरानी में हुआ स्वागत
ज़िराफ के आगमन पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) परितोष उपाध्याय सहित जैविक उद्यान के निदेशक श्री जब्बर सिंह और टीम मौजूद रही। वन चिकित्सक, वन क्षेत्र पदाधिकारी, जीवविज्ञानी और वनरक्षकों की टीम ने ज़िराफ़ को सुरक्षित नाईट शेल्टर में पहुंचाया।
नर ज़िराफ़ और अन्य जीव जल्द होंगे शामिल
निदेशक जब्बर सिंह के अनुसार, यह सिर्फ पहला चरण था। अगले चरण में नर ज़िराफ़ को भी रांची लाया जाएगा। वहीं, इस आदान-प्रदान के तहत रांची से शुतुरमुर्ग भेजा गया है। आगामी चरणों में दरियाई घोड़ा, हिमालयन काला भालू और घड़ियाल के आदान-प्रदान की भी योजना है।
संरक्षण और विविधता की दिशा में कदम
यह आदान-प्रदान सिर्फ वन्यजीवों के लिए नहीं, बल्कि संरक्षण प्रयासों और आगंतुकों के अनुभव को भी और समृद्ध बनाएगा। कोलकाता और रांची के प्राणी उद्यानों के बीच यह सहयोग वन्यजीव प्रबंधन का अनुकरणीय उदाहरण है।
