
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा का 218वां सालाना उर्स डोरंडा स्थित मजार शरीफ में पूरी अकीदत और उल्लास के साथ जारी है। तीसरे दिन बाबा के दरबार में अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से शाम तक लोगों ने मजार पर हाजिरी देकर अपनी मुरादें मांगी। विभिन्न संस्थाओं की ओर से भी चादरपोशी की गई। उर्स का माहौल पूरी तरह से रुहानी और अमन पसंद बना हुआ है। शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने भी बाबा के दरगाह में हाजरी दी। चादरपोशी करते हुए देश में अमन-सुकून के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवानंद सिन्हा, समाजसेवी वीरेंद्र साहू, अरुण मिश्रा पप्पू, शंभू गुप्ता,हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अयूब गद्दी, महासचिव जावेद अनवर, कोषाध्यक्ष जैनुल आबेदीन, उपाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान हुसैन,बेलाल अहमद, उप सचिव मोहम्मद सादीक,उपसचिव जुल्फिकार अली भुट्टो, अनीश गद्दी,नसीम गद्दी सहित काफी संख्या में अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
चौथी व पांचवीं रात कव्वाली मुकाबले का आकर्षण
उर्स के चौथे और पांचवें दिन रात भर कव्वाली मुकाबले का आयोजन किया जाएगा। इस कव्वाली मुकाबले में मुंबई के मशहूर कव्वाल अजीम नाजां और जुनैद सुल्तानी आमने-सामने होंगे। 14 सितंबर को इस मुकाबले का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अयूब गद्दी ने बताया कि उर्स को लेकर सभी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित कर ली गई हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन भी विधि-व्यवस्था, यातायात, बिजली, पानी, चिकित्सा और सफाई व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। जगह-जगह स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष पहुंचे मजार, निरीक्षण के बाद बैठक का न्योता
झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष-सह-राज्यसभा सांसद डॉ सरफराज अहमद 13 सितंबर को डोरंडा स्थित हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा के मजार शरीफ पहुंचे। उन्होंने मजार पर चादरपोशी की और अकीदतमंदों के साथ मिलकर मुल्क और मिल्ल की सलामती के लिए दुआ मांगी। इसके बाद उन्होंने मजार शरीफ परिसर में संचालित मैरेज हॉल, मुसाफिरखाना समेत अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। प्रवक्ता पप्पू गद्दी ने बताया कि मजार की तरक्की के लिए दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को वक्फ बोर्ड कार्यालय में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया।
टीम कुतुब की ओर से की गई चादरपोशी
13 सितंबर को असर की नमाज के बाद टीम कुतुब और दरगाह कमेटी के पूर्व महासचिव मोहम्मद फारुक ने चादरपोशी की। इस मौके पर झारखंड राज्य और मुल्क में अमन-चौन की दुआ की गई। इस आयोजन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
हर उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास है
हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा के 218वें सालाना उर्स के मौके पर डोरंडा में सजे मेले ने श्रद्धा के साथ-साथ स्वाद, मनोरंजन और रंग-बिरंगे नजारों से लोगों का दिल जीत लिया है। दरगाह पर हाजिरी देने के बाद अकीदतमंद मेला परिसर में उमड़ रहे हैं, जहां बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए कुछ न कुछ खास मौजूद है।
मिठाइयों और व्यंजनों से महक रहा मेला
हलवा-पराठा और सोनपापड़ी की मिठास मेले की रौनक को और भी रंगीन बना रही है। सुबह से देर रात तक मिठाइयों की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। दूर-दराज से आए लोग बाबा की दरगाह पर हाजिरी देने के बाद स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका लेना नहीं भूल रहे हैं।
खिलौनों की दुकानों पर बच्चों की भीड़
खिलौनों से सजा यह उर्स मेला बच्चों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। इस बार शुभम कुमार पहली बार अपनी खिलौनों की दुकान लेकर पहुंचे हैं, जहां कार, हवाई जहाज, रोबोट, टेडी बियर, बंदूक, हेलीकॉप्टर और ट्रैक्टर जैसे खिलौने एक ही रेट 80 रुपये में बिक रहे हैं। बच्चे खिलौनों की दुकानों पर झूमते नजर आ रहे हैं।
गुब्बारों की उड़ान बनी आकर्षण का केंद्र
नवादा से आए जितेंद्र कुमार, अरुण प्रसाद और नसीम अपनी गुब्बारों की दुकानों के साथ मेले में खास आकर्षण बने हुए हैं। जिप्पी गुब्बारों की रंगीन उड़ान बच्चों और महिलाओं को खूब लुभा रही है। वहीं गन शूटिंग गेम में 50 रुपये में 12 गुब्बारे फोड़ने का रोमांच लोगों को खींच रहा है।
झूमर और चुड़ियों की रंगत
आगरा से आए राम सिंह की झूमर और चुड़ियों की दुकान भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। 150 से 500 रुपये तक के रंग-बिरंगे झूमर, जिनमें कपड़ा और मोती का सजावटी काम किया गया है, घरों की सजावट के लिए खरीदे जा रहे हैं। साथ ही 100 से 400 रुपये तक के टेडी बियर भी ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं।
झूलों की दुनिया में डूबे बच्चे और युवा
जम्पिंग, चकरी, गोल गाड़ी, ड्रैगन ट्रेन और नाव जैसे झूलों की रौनक से मेला और भी जीवंत हो उठा है। बच्चे जहां हंसी-खुशी के साथ झूलों का आनंद ले रहे हैं, वहीं बड़े लोग भी इन झूलों के जरिए अपने बचपन की यादों को ताजा कर रहे हैं।
रात की रोशनी में जगमगाता मेला
शाम होते ही मेला रोशनी की चकाचौंध से नहा उठता है। रंग-बिरंगी लाइटों से सजी दुकानें और झूले रातभर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मेला न सिर्फ खरीदारी और मनोरंजन का केंद्र बन गया है, बल्कि यह आपसी भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक भी बनकर उभरा है। बाबा की दरगाह पर माथा टेकने के बाद लोग मन्नत मांगते हुए संतोष और सुकून के साथ मेले का आनंद ले रहे हैं।
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