न्यूज स्टॉपेज डेस्क
जमीअतुल मोमेनीन चौरासी का चुनाव 135 साल में पहली बार वोटिंग के जरिया होना था। 18 मई रविवार को विवाद के बीच चुनाव संपन्न कराया गया। मुख्य चुनाव कन्वीनर जुनैद आलम के अनुसार 740 वोटरों में कुल 447 ने मतदान किया। जिसमें 425 वोट प्राप्त कर मजीद अंसारी अध्यक्ष बने। उनके मुकाबले में जबीउल्लाह को 13 वोट, 9 वोट रद्द हुए। उपाध्यक्ष पद पर मो. रिजवान को 347 वोट मिले, अतिकुर्रहमान को 74 और 26 वोट रद्द हुए। सचिव पद के लिए नूर आलम को 385 वोट मिले, शमीम अख्तर को 32 और 30 वोट रद्द घोषित किए गए। कोषाध्यक्ष पद के लिए अरशद जिया को 396 वोट, सरताब आलम को 26 और 25 वोट रद्द किए गए। मुख्य चुनाव कन्वीनर जुनैद आलम के अनुसार जमीअतुल मोमेनीन चौरासी से जुड़े शहरी और ग्रामीण मोमिन पंचायतों के मतदाताओं ने बढ़चढ़ कर मतदान किया और चुनाच को सफल बनाया। चुनाव संयोजक समिति द्वारा शांतिपूर्वक, निष्पक्ष और मौहार्दपूर्ण वातावरण में मतदान का कार्य कराया गया।
आठ में से चार प्रत्याशी चुनाव से हट गए थे
जमीअतुल मोमेनीन चौरासी का चुनाव कुल पांच पदों के लिए होना था। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और कोषाध्यक्ष में से सह सचिव निर्विरोध जीत गए थे। जिसके बाद बाकी चार पदों में कुल आठ प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन इनमें से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, जबीउल्लाह, उपाध्यक्ष पद के अतिकुर्रहमान, सचिव पद के शमीम अख्तर और कोषाध्यक्ष पद के सरताब आलम ने चुनाव से हटने की घोषणा एक दिन पूर्व ही कर दी थी। ऐसे में चुनाव के दिन सिर्फ जीते हुए प्रत्याशी ही मतलगणना स्थल पर थे। जबीउल्लाह का कहना है कि चुनाव कन्वीनर को सरपरस्त कमेटी बर्खास्त कर चुकी है। इसके बावजूद वो जबरदस्ती चुनाव करा रहे थे। इसलिए उनके साथ अन्य पदों के उम्मीदवारों ने चुनाव से हटने की घोषणा कर दी। मेरा मानना है कि चुनाव पूरी तरह से अवैध है।
क्या हुआ था पूरा विवाद
जमीअतुल मोमेनीन चौरासी के चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभा रहे मुख्य चुनाव कन्वीनर जुनैद आलम को सरपरस्त कमेटी ने 16 मई को उनके पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था। सरपरस्त कमिटी का कहना था कि कन्वीनर ने उनको मानने से इंकार किया था। जबकी जमिअतुल मोमेनिन चौरासी की नियमावली के पृष्ठ संख्या-4 के धारा 2 में अंकित है की जमिअतुल मोमेनिन चौरासी झारखंड की नयी कार्यकारिणी समिति के विधिवत गठन होने तक सरपरस्त कमेटी के देखरेख में जमीअल का कार्य सम्पादित होगा। हालांकि, कन्वीनर जुनैद आलम का कहना था कि चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी कमेटी विलुप्त हो जाती है। ऐसे में यह सरपरस्त कमेटी अभी कुछ नहीं कर सकती।
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