
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रामगढ़ जिले में आफताब अंसारी की रहस्यमयी और दर्दनाक मौत के मामले ने झारखंड की राजनीति और सामाजिक संगठनों को झकझोर दिया है। पहले टाइगर फोर्स के सदस्यों द्वारा कथित रूप से बर्बर पिटाई, फिर पुलिस हिरासत में लेने के बाद लापता होना और अंत में उसका शव दामोदर नदी के पास से मिलना — यह घटनाक्रम अब केवल कानून-व्यवस्था का मसला नहीं, बल्कि एक बड़ा जनआंदोलन बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
शव मिलने के बाद भड़का गुस्सा
जमिअतुल मोमेनिन चौरासी की ओर से मंगलवार को झारखंड के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया। संगठन ने मांग की है कि इस पूरे मामले की CBI से जांच कराई जाए और टाइगर फोर्स पर प्रतिबंध लगाया जाए।

चार प्रमुख मांगें:
1. पूरे प्रकरण की निष्पक्ष CBI जांच हो।
2. आफताब के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
3. आफताब की पत्नी को सरकारी नौकरी मिले।
4. टाइगर फोर्स जैसे संगठनों पर तत्काल प्रतिबंध लगे।
मंत्री से मुलाकात और स्वास्थ्य की ली जानकारी
जमिअतुल मोमेनिन चौरासी के प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफिजूल हसन अंसारी से मुलाकात की और इस घटना को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने मंत्री की सेहत के बारे में भी जानकारी ली। प्रतिनिधिमंडल में मास्टर सादिक अंसारी, हाजी फारुक, शोएब अंसारी, मो जबीउललाह, अतिकुररहमान, फिरोज अख्तर, मोजममिल अंसारी, शकील अंसारी आदि उपस्थित थे।
अब आगे क्या?
अब यह देखना अहम होगा कि क्या राज्य सरकार इस मामले में CBI जांच की सिफारिश करती है या नहीं। जनता और संगठनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
