By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept

  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • DMCA
  • eMail
News Stoppage
  • HOME
  • INDIA
  • WORLD
  • BIHAR
  • JHARKHAND
  • ENTERTAINMENT
  • SPORTS
  • CAREER
  • MORE
    • BUSINESS
    • LIFESTYLE
Notification Show More
Font ResizerAa
News StoppageNews Stoppage
  • HOME
  • INDIA
  • WORLD
  • JHARKHAND
  • BIHAR
  • CAREER
  • BUSINESS
  • ENTERTAINMENT
  • LIFESTYLE
  • SPORTS
Search
  • HOME
  • INDIA
  • WORLD
  • JHARKHAND
  • BIHAR
  • CAREER
  • BUSINESS
  • ENTERTAINMENT
  • LIFESTYLE
  • SPORTS
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
News Stoppage > .HEADLINES > चंपई सोरेन ने दिया पार्टी छोड़ने का संकेत, बताया 3 विकल्प, पढ़ें…अपने दर्द को कैसे किया बयां
.HEADLINESJHARKHAND

चंपई सोरेन ने दिया पार्टी छोड़ने का संकेत, बताया 3 विकल्प, पढ़ें…अपने दर्द को कैसे किया बयां

न्यूज़ स्टॉपेज
Last updated: August 18, 2024 7:05 pm
By न्यूज़ स्टॉपेज
7 Min Read
Share
SHARE

न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री झामुमो को कभी भी अलविदा कह सकते हैं। इसका संकेत उन्होंने दे दिया। अपने एक्स हैंडल पर मुख्यमंत्री बनने से लेकर हटाने तक की पूरी दास्तान बयान की। अपना दर्द साझा करते हुए उन्होंने तीन विकल्पों के बारे में बात की। बताते चले शुक्रवार से ही चंपई सोरेन के भाजपा में जाने की चर्चा जोर से चल रही है। इस बीच आज यानी 18 अगस्त को वो दिल्ली पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर पत्रकारों केसवाल का जवाब देते हुए कहा था की बेटी से मिलने आए हैं। लेकिन अब उन्होंने पोस्ट करके सारी स्थिति को लगभग क्लियर कर दिया।

पढ़े पोस्ट में चंपई सोरेन ने क्या लिखा

जोहार साथियों,

आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।

अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, मैंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है। राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, छात्रों एवं पिछड़े तबके के लोगों को उनका अधिकार दिलवाने का प्रयास करता रहा हूं। किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा, उन लोगों के मुद्दे उठाता रहा, जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ, अपने बेहतर भविष्य के सपने देखे थे।

इसी बीच, 31 जनवरी को, एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद, इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना। अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक, मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस दौरान हमने जनहित में कई फैसले लिए और हमेशा की तरह, हर किसी के लिए सदैव उपलब्ध रहा। बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों एवं समाज के हर तबके तथा राज्य के हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए हमने जो निर्णय लिए, उसका मूल्यांकन राज्य की जनता करेगी।

जब सत्ता मिली, तब बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू जैसे वीरों को नमन कर राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया था। झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ ना गलत किया, ना होने दिया।

इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था। पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बावजूद मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, तो वहां से होते हुए मैं उसमें शामिल हो जाऊंगा। लेकिन, उधर से साफ इंकार कर दिया गया।

पिछले चार दशकों के अपने बेदाग राजनैतिक सफर में, मैं पहली बार, भीतर से टूट गया। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। दो दिन तक, चुपचाप बैठ कर आत्म-मंथन करता रहा, पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती तलाशता रहा। सत्ता का लोभ रत्ती भर भी नहीं था, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी इस चोट को मैं किसे दिखाता? अपनों द्वारा दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता?

जब वर्षों से पार्टी के केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो रही है, और एकतरफा आदेश पारित किए जाते हैं, तो फिर किस से पास जाकर अपनी तकलीफ बताता? इस पार्टी में मेरी गिनती वरिष्ठ सदस्यों में होती है, बाकी लोग जूनियर हैं, और मुझ से सीनियर सुप्रीमो जो हैं, वे अब स्वास्थ्य की वजह से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, फिर मेरे पास क्या विकल्प था? अगर वे सक्रिय होते, तो शायद अलग हालात होते।

कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझ से इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।

पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया।

मैने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि – “आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।” इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना।

उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।

आपका,
चम्पाई सोरेन

WhatsApp Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
Telegram Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
Instagram Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉 Join Now
नगर निगम के प्रशासक बने अमित कुमार, पदभार ग्रहण किया
ममता बनर्जी तय करें कि पिता कौन है! भाजपा सांसद ने ये क्या कह दिया
बोकारो मॉब लिंचिंग मामला: अल्पसंख्यक आयोग ने की जांच, शमशेर आलम ने कहा मॉब लिंचिंग को लेकर सरकार एवं आयोग संवेदनशील
झारखंड में डेंगू के 302 संदिग्ध मरीज मिले, 30 लोगों में हुई पुष्टि
ऑफर के नाम पर ठगी करना कुरकुरे कम्पनी को पड़ा महंगा, लगा जुर्माना
TAGGED:Champai sorenHemant Soren
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Telegram Email Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Previous Article BIG BREAKING: कोलकाता के रास्ते चंपई सोरेन दिल्ली रवाना, कई विधायक साथ, आज भाजपा में होंगे शामिल!
Next Article चंपाई सोरेन ने झामुमो से दिया इस्तीफा, शिबू सोरेन को लिखा पत्र

Stay Connected

FacebookLike
XFollow
YoutubeSubscribe

Latest News

बीएनआई के मेगा रक्तदान शिविर में 501+ यूनिट रक्त जमा करने का लक्ष्य
.HEADLINES JHARKHAND
डॉक्टर से मारपीट की घटना पर डॉ. सिद्धेश्वर बास्के की कड़ी प्रतिक्रिया, बोले – डॉक्टरों पर हमला बर्दाश्त नहीं
.HEADLINES JHARKHAND
मॉब लिंचिंग कानून लागू करने की मांग तेज, जमीअतुल मोमेनीन ने सरकार को सौंपा ज्ञापन
.HEADLINES JHARKHAND
रांची में सबसे पहले सुबह 5.15 बजे और सबसे आखिरी में 10 बजे अदा होगी बकरीद की नमाज़
.HEADLINES JHARKHAND
Subscribe to Our Newsletter
Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

- Advertisement -
Ad image
© 2025 News Stoppage. Designed by Launching Press.
Go to mobile version
adbanner
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?