न्यूज स्टॉपेज डेस्क
अंजुमन इस्लामिया रांची के भविष्य को लेकर घमासान अब वक्फ बोर्ड के दरवाज़े तक पहुंच चुका है। अंजुमन बचाओ मोर्चा की अगुवाई में शहर की विभिन्न पंचायतों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड को ज्ञापन सौंपते हुए मौजूदा कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर, वक्फ बोर्ड से संस्था का टेकओवर करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के नाम पर ज्ञापन सौंपा। साथ ही बोर्ड के सदस्य मोहम्मद फैज़ी और ए.के. रशीदी से मुलाकात कर 7 सूत्री ज्ञापन सौंपा।
क्या है बोर्ड को सौंपे ज्ञापन में
बोर्ड को सौंप ज्ञापन में कहा गया कि तीन वर्षों में एक भी आमसभा नहीं हुई। संस्था के बायलॉज के अनुसार हर तीन महीने में एक बार “मजलिस-ए-मुंतजिमा” की बैठक अनिवार्य है, जो लगातार नजरअंदाज़ की जा रही है। संस्था की वित्तीय पारदर्शिता पूरी तरह नदारद है। वर्तमान कमेटी ने अब तक चुनाव संयोजक तक की घोषणा नहीं की, जबकि कार्यकाल 29 अगस्त 2025 को समाप्त हो रहा है।
समय पर चुनाव नहीं तो आंदोलन तय
अंजुमन बचाओ मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि साफ-सुथरे चुनाव के लिए वक्फ बोर्ड को खुद आगे आकर चुनाव प्रक्रिया का संचालन करना चाहिए।
अंजुमन का दायरा बढ़ाने की भी मांग
ज्ञापन में यह भी मांग रखी गई कि अंजुमन इस्लामिया रांची के कार्यक्षेत्र को समयानुकूल विस्तार दिया जाए। रांची शहर और ग्रामीण क्षेत्र में बीते 35–40 वर्षों में काफी विस्तार हुआ है। रांची म्युनिसिपल क्षेत्र में अब 53 वार्ड शामिल हैं, जबकि अंजुमन का वर्तमान दायरा सीमित है।बायलॉज के तहत धुर्वा, हटिया, कांके, बरियातू, नयासराय जैसे क्षेत्रों को शामिल करने की स्पष्ट व्यवस्था है। मोर्चा ने मांग की कि इन इलाकों के लोगों को भी प्रतिनिधित्व और मतदान का अधिकार मिलना चाहिए, जिससे संस्था वंचित और पिछड़े तबकों को न्याय दिला सके।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख चेहरे
इस प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा संयोजक रमज़ान कुरैशी, मास्टर सिद्दीक़ अंसारी, मो. शकील, अब्दुल हसीब, मोख़्तार अहमद, मो. फ़िरोज़, मोहम्मद अली, शमीम ख़ान, और मेराज अहमद प्रमुख रूप से शामिल थे।