23 साल बाद भी पक्की सड़क नहीं बनी दलानीटोला में

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न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क

गांव में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी

पाकुड़। देश के दस पिछड़े प्रखंडों में शामिल लिट्टीपाड़ा के पहाड़ी इलाकों में सड़कों की दुर्दशा जगजाहिर हैं। लिट्टीपाड़ा प्रखंड के सुरजबेड़ा पंचायत भी सड़कों के मामले में काफी पीछे है। इसी सुरजबेड़ा पंचायत अंतर्गत कारीपहाड़ी दलानीटोला भी आता है। लगभग 500 की आबादी वाले कारीपहाड़ी दलानीटोला आज भी सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है। तमाम बुनियादी सुविधाओं से महरूम तंगहाली में जी रहे यहां के लोगों को आज तक पक्की सड़क भी नसीब नहीं हुई है। जब ग्रामीणों की प्रखंड स्तर पर सुनवाई नहीं हुई, तो शुक्रवार को डीसी मृत्युंजय कुमार बर्नवाल से मिलने पहुंचे।

हालांकि उपायुक्त के मौजूद नहीं होने पर ग्रामीणों ने कार्यालय तक मांग पत्र के माध्यम से अपनी बातों को पहुंचाया। ग्रामीणों ने बताया कि वो पहाड़ों के बीचों में बसते हैं। झारखंड राज्य अलग होने के बावजूद 23 साल बाद भी पक्की सड़क नहीं बनी। पथरीली और कीचड़मय सड़क से आने-जाने को वो मजबूर हैं।उनका कहना है की नेता सिर्फ हमें वोट के लिए इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और बच्चियों को होती है। उन्हें कीचड़ से चलकर स्कूल जाना पड़ता है। इस वजह से पठन-पाठन भी प्रभावित होता है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। झरने के पानी से प्यास बुझाते है। अन्य जरूरी सुविधाओं से भी वंचित हैं।

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