न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रिम्स में इलाज करने के लिए आने वाले मरीजों को जल्द ही एक हाईटेक सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। अब यहां ओपीडी में आने वाले मरीज कहीं भी अपना पर्ची देख सकेंगे। अगर उन्हें इलाज के लिए झारखंड से कहीं बाहर भी इलाज के लिए जाना होगा तो वह डॉक्टर द्वारा लिखे गए प्रिस्क्रिप्शन को देख और दिखा सकेंगे। क्योंकि रिम्स में ई-प्रिस्क्रिप्शन की सुविधा ओपीडी में मिलने शुरू हो जाएगी। रिम्स चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ की अध्यक्षता में नेक्स्ट जेन सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हुए मरीजों को ई-प्रिस्क्रिप्शन की सुविधा ओपीडी में दिए जाने के लिए विचार विमर्श हुआ। परीक्षण के लिए साइकियाट्री विभाग में कुछ मरीजों का ई-प्रिस्क्रिप्शन भी बनाया गया।
अभी पांच विभागों में शुरू होगी यह व्यवस्था
रिम्स की ओर से की जा रही है व्यवस्था फिलहाल पांच विभागों में शुरू होगी। शुरुआती दौर में मनोचिकित्सा, ईएनटी, नेत्र विज्ञान, नेफ्रोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी विभाग में इसे शुरू किया जाएगा। जिसके बाद इसे अन्य विभागों में भी ई-प्रिस्क्रिप्शन व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
डॉक्टर को दिया जाएगा टैब और कंप्यूटर
ई-प्रिस्क्रिप्शन व्यवस्था सही ढंग से लागू हो इसको लेकर रिम्स की ओर से ओपीडी में डॉक्टरों को टैब एवं कंप्यूटर दिए जाने का निर्णय हुआ है। ई-प्रिस्क्रिप्शन व्यवस्था को लागू करने को लेकर हुई बैठक में उपाधीक्षक 1 डॉ अजय कुमार, एचएमआईएस के नोडल पदाधिकारी डॉ एल माझी, आयुष्मान योजना के नोडल पदाधिकारी डॉ दिलीप मौजूद थे।
जाने मरीजों को कैसे होगा लाभ
मरीज यूएचआईडी के माध्यम से आभा द्वारा कहीं भी इस पर्ची को देख सकते है। एक क्लिक में ही पूरी चिकित्सकीय इतिहास इसके जरिए प्राप्त हो पाएगी। वहीं, टैब में ई-प्रिस्क्रिप्शन के द्वारा ओपीडी में जल्दी जल्दी मरीजों को डॉक्टर द्वारा देखा जा सकेगा। डॉक्टर भी यूएचआईडी के माध्यम से उक्त मरीज के इलाज का पूरा ब्यौरा निकाल सकते हैं। मतलब अगर कोई रिपोर्ट गलती से छूट जाए तो मरीज को परेशानी होती है। जबकि नई व्यवस्था से ये समस्या ही खत्म हो जाएगी।