जमीअतुल मोमेनीन चौरासी चुनाव 2025: जबीउल्लाह बनाम मजीद अंसारी के बीच होगा मुकाबला


– जबीउल्लाह के समर्थन में मोईन अंसारी ने छोड़ी सदर पद की दावेदारी, बढ़ाया मुकाबले का रोमांच

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची में जमीअतुल मोमेनीन चौरासी 2025 का चुनाव ऐतिहासिक बनने जा रहा है। क्योंकि, इस संस्था के 135 वर्षों के इतिहास में पहली बार औपचारिक चुनाव होने जा रहा है। वर्ष 1890 में स्थापित इस संस्था में अभी तक नेतृत्व निर्विरोध या पारंपरिक रूप से तय होता रहा है। लेकिन इस बार अध्यक्ष पद को लेकर दो उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। अध्यक्ष पद के लिए जबीउल्लाह और मजीद अंसारी आमने-सामने होंगे। इस मुकाबले को और दिलचस्प मोईन अंसारी ने बना दिया है। इन्होंने शुक्रवार को अपनी उम्मीदवारी वापस लेकर जबीउल्लाह को समर्थन दे दिया। मोईन अंसारी ने खुलकर कहा कि उन्होंने जबीउल्लाह के समर्थन में अपनी दावेदारी वापस ले ली है। बताते चलें कि मोईन अंसारी का नाम सदर पद के दावेदारों में था और उनके समर्थन से जबीउल्लाह को बड़ी ताकत मिल सकती है।

जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है
चौरासी के लोगों का कहना है कि जबीउल्लाह का समाजसेवा में योगदान सराहनीय रहा है और उन्होंने हमेशा समुदाय को एकजुट करने का प्रयास किया है। जबीउल्लाह अंजुमन इस्लामिया रांची के सक्रिय सदस्य रहे हैं और उससे पहले भी वे रातू रोड कब्रिस्तान के रखरखाव और सुधार में लगातार कार्य करते रहे हैं। समाज में उनकी छवि एक समर्पित और ईमानदार कार्यकर्ता की बनी हुई है, जिसकी वजह से उन्हें कई वरिष्ठ सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो रहा है। वहीं, मजीद अंसारी एक अनुभवी और सशक्त उम्मीदवार हैं। वे पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुके हैं और समाज के कई मुद्दों पर उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। अनुभव और जनसंपर्क की मजबूत पकड़ है, जिससे वे भी एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

पूरे समुदाय की निगाहें चुनाव पर टिकी हैं
इस बार का चुनाव सिर्फ नेतृत्व चयन का मामला नहीं, बल्कि यह संस्था के भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। चूंकि यह पहली बार हो रहा है जब इतने बड़े स्तर पर पारदर्शी चुनाव की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, इसलिए पूरे समुदाय की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं। पंचायत सदस्यों का कहना है कि यह प्रक्रिया नई पीढ़ी में लोकतांत्रिक मूल्यों और भागीदारी की भावना को भी प्रोत्साहित करेगी। जमीअतुल मोमेनीन चौरासी का यह पहला ऐतिहासिक चुनाव भविष्य में संस्था की कार्यप्रणाली और सामाजिक योगदान को भी नई दिशा देगा।

कुल पांच पदों के लिए होना है चुनाव
चुनाव कुल पांच पदों के लिए होना है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव निर्धारित है। जिसमें से सह सचिव पद पर एकमात्र नामांकन फिरोज अख्तर बबलू ने किया था। जिसके कारण वे निर्विरोध विजय मुख्य चुनाव कन्वीनर जुनैद आलम की ओर से घोषित किए जा चुके हैं। दूसरी ओर अध्यक्ष सहित बाकी बचे चार पद के लिए सभी में दो-दो उम्मीदवार आमने-सामने हैं। चुनाव कमेटी की ओर से सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह शुक्रवार को आवंटित कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रचार-प्रसार प्रत्याशियों की ओर से शुरू कर दिया गया है। मुख्य चुनाव कन्वीनर जुनेद आलम ने बताया कि अब सभी प्रत्याशी अपना प्रचार कर सकते हैं। 11 मई को डोरंडा में रिसालदार बाबा दरगाह परिसर स्थित मुसाफिरखाना में मतदान होगा। यही मतगणना भी होनी है।

किसे क्या मिला है चुनाव चिन्ह
सदर पद
मो. मजीद अंसारी – किताब
जबीउल्लाह – कलम

सचिव पद
नूर आलम – मशाल
मो. शमीम अख्तर – ताला चाबी

नायाब सदर
अतिकुर्रहमान – तराजू
मो. रिजवान – चरखा

खजांची
अरशद जिया – पतंग
सरताब आलम – मोबाइल

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