रिम्स अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से छेड़खानी, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

– समिति गठित, सुरक्षा गार्ड की लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रिम्स (राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में सुरक्षा व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई, जब एक जूनियर डॉक्टर के साथ अस्पताल परिसर में छेड़खानी की गंभीर घटना सामने आई। यह शर्मनाक घटना तब घटी जब पीड़िता रात के समय अस्पताल के तीसरे तल्ले से छात्रावास की ओर जा रही थीं। इस दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके साथ छेड़छाड़ की। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि घटना के वक्त कॉरीडोर में कोई भी सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था।
इस घटना की जानकारी मिलते ही रिम्स प्रशासन में हड़कंप मच गया। निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर, अपर चिकित्सा अधीक्षक, चर्म रोग विभागाध्यक्ष, प्रशासनिक पदाधिकारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे। बैठक में पीड़ित पीजी छात्राओं ने विस्तार से घटना की जानकारी दी और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया।

सुरक्षा सुधार के लिए समिति गठित
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि घटना की गहराई से जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में डीन स्टूडेंट वेलफेयर, अपर चिकित्सा अधीक्षक, चर्म रोग विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक पदाधिकारी शामिल होंगे। समिति न केवल घटना की जांच करेगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि किन इलाकों में सुरक्षा गार्ड की तैनाती आवश्यक है।

जवान पर होगी कार्रवाई
डॉ. राज कुमार ने निर्देश दिया है कि अपर चिकित्सा अधीक्षक पूरे घटनाक्रम की जानकारी बरियातु थाना को दें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में घटना हुई है, वहां ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा जवान अगर बिना अनुमति के गैरहाजिर थे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीसीटीवी और प्रवेश द्वारों पर भी विशेष ध्यान
रिम्स निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि रात्रि के समय अनावश्यक प्रवेश द्वारों को बंद किया जाएगा। केवल एक निर्धारित गेट से ही प्रवेश और निकास की अनुमति दी जाएगी। समिति को यह भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह पूरे अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर सीसीटीवी कैमरे की आवश्यकता का मूल्यांकन करे।

हॉस्टल सुरक्षा व्यवस्था का होगा पुनर्मूल्यांकन
समिति हॉस्टल परिसर का भ्रमण कर वहां की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करेगी और इसे मजबूत करने के लिए आवश्यक सुझाव प्रदान करेगी। सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा।

बड़े संस्थानों में सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाही?
रिम्स प्रशासन का यह कदम सुरक्षा को लेकर उठाया गया एक जरूरी और सकारात्मक प्रयास है, लेकिन यह घटना यह भी दर्शाती है कि बड़े संस्थानों में सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद रिम्स प्रशासन सुरक्षा मानकों को और सख्त करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।

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