
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राजधानीवासियों के लिए बहुप्रतीक्षित कांटाटोली फ्लाईओवर जहां एक ओर ट्रैफिक जाम से राहत की उम्मीद लेकर आया था, वहीं अब उसी फ्लाईओवर की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। उद्घाटन के महज आठ माह बाद ही फ्लाईओवर की दीवार में दरारें देखी गई हैं। यह दरारें कोकर की ओर उतरने वाले रैम्प के पास की साइडवॉल पर पाई गई हैं, जिससे क्षेत्र में लोगों के बीच दहशत और नाराज़गी दोनों देखी जा रही है।
दीवार में गहरी दरारें, मरम्मत का काम शुरू
मामला सामने आते ही संबंधित एजेंसियों ने आनन-फानन में दरार को भरने का काम शुरू कर दिया। रविवार को फ्लाईओवर की क्रैक दीवार को छुपाने और भरने का कार्य किया गया ताकि सतह से दरारें नजर न आएं। हालांकि, स्थानीय लोग इसे केवल “लिपापोती” मान रहे हैं। उनका कहना है कि समस्या की जड़ को ठीक करने के बजाय उसे छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।

उद्घाटन हुआ था 4 अक्टूबर 2024 को
गौरतलब है कि कांटाटोली फ्लाईओवर का उद्घाटन 4 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया था। इस दौरान मुख्यमंत्री स्वयं फ्लाईओवर पर कार चलाकर गुजरे थे। फ्लाईओवर को बनने में पूरे 8 साल लगे और यह रांची शहर के प्रमुख ट्रैफिक जाम वाले क्षेत्रों को जोड़ने में सहायक माना गया था।
जल्दबाजी में हुआ निर्माण, स्थानीय लोगों ने जताई नाराज़गी
स्थानीय नागरिकों और क्षेत्रीय दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि कोकर की ओर जो रैम्प बना है, वह अत्यधिक जल्दबाजी में तैयार किया गया था। गढ़ाटोली पुल के पास रैंप निर्माण के लिए मिट्टी भराव का इस्तेमाल किया गया, जिससे पहले से ही निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शंका व्यक्त की जा रही थी। अब दीवार के दरकने से यह आशंका और भी गहरा गई है कि कहीं फ्लाईओवर की नींव ही कमजोर न हो। स्थानीय निवासी सलमान ने कहा, “जब आठ साल में बना फ्लाईओवर आठ महीने भी नहीं टिक पाया तो आगे क्या होगा, यह सोचकर डर लगता है। अगर इस दरार की जड़ में मिट्टी का धंसना है, तो पुल का हिस्सा भी असुरक्षित हो सकता है। वहीं, एक अन्य राहगीर रीता देवी ने कहा, “हर रोज़ इसी रैंप से आती-जाती हूं। अब डर लगने लगा है। सरकार और प्रशासन को इसकी गंभीरता से जांच करानी चाहिए।
जुडको ने साधी चुप्पी
पूरे मामले पर अब तक जुडको की ओर से कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया। मतलब पूरे मामले में उन्होंने चुप्पी साधते हुए आनंद आनंद में इसकी मरम्मती का काम करवाया जा रहा है। बताते चले कि पुल के डिजाइन के अनुसार अभी भी काम जारी है खाद्य बस स्टैंड के पास उतरने और चढ़ने के लिए रैम बनाया जा रहा है। निर्माण एजेंसी की ओर से काम जारी है मतलब पल पूरी तरह से अभी भी तैयार नहीं हुआ है इसके बावजूद पुल के साइडवॉल में दरार आ गई। ऐसे में जुडको की चुप्पी और भी संदेह पैदा कर रही है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि अब जरूरत इस बात की है कि इसकी निष्पक्ष और विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी जांच कराई जाए ताकि भविष्य में किसी बड़े हादसे की आशंका से बचा जा सके।
READ MORE: वक्फ के काले कानून के खिलाफ कार्यक्रम में जिम्मेदारी से भाग लेगी जमीअतुल मोमेनीन चौरासी
