सावन में भी पानी को तरस रही नदियां, किसानों में छायी हताशा

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न्यूज स्टॉपेज डेस्क

लोहरदगा। लोहरदगा सावन माह में उफनाने वाली नदी को नाले के रुप में बहता देख लोग आश्चर्य में डाल दिया है। मानसून में वर्षा नहीं होने से सुखाड़ की स्थिति से किसानों में भी हताशा है। सावन के महीने में भी नदियां पानी के लिए तरस रही है गर्मी के दिनों में भी पानी बहने वाले नदी आज बून्द बून्द पानी के लिए तरस रही है। वर्षा नहीं होने से कृषि कार्य के साथ जलाशयों में पानी नहीं होने से मत्स्यपालन में भी असर हो रहा है साथ ही मवेशियों एवं पशु पक्षियों को सावन के महीने में पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जबकि कई तालाब,जलाशय,कुंड सुख रहा है।

खेतों में दरारें फटी

प्रखंड क्षेत्र के अंदर बहने वाली भक्सो कोयल नदी,शंख नदी के साथ दर्जनों तालाब एवं जलाशय सावन माह में सूखे की मार झेल रहा है,जबकि सावन से पूर्व हीं इन नदी व तालाब में बाढ़ की स्थिति बनी रहती थीं,इन जलाशयों में दिन रात दर्जनों मछुआरा मछली पकड़ने के अभियान में लगे रहते थे, लेकिन इस वर्ष एक माह से अधिक समय से वर्षा के नहीं होने एवं धूप का रौद्र रुप से किसानों सहित आमलोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति बना हुआ है। वहीं वर्षा नहीं होने से किसान कराह रहे हैं,नदी तालाब में जो बचे हुए पानी थे, उसे किसानों ने सिंचाई कर सूखा दिया लगातार वर्षा के नहीं होने के साथ गर्मी से किसान कराह रहे है। मौसम आधारित अगहनी धान की रोपनी नहीं हो पा रही है, खेतों में दरारें फट गई है।

फसल राहत योजना का लाभ नहीं मिल पाया है किसानों को

कुछ किसान अगर पम्प सेट एवं मोटर के सहारे रोपनी शुरु भी किया है तो मौसम के मिजाज को देख सहम से गये हैं,बिचड़ा लगभग खराब होने के स्थिति पर आ गई है, अगर यही हाल रहा तो धान का फसल नष्ट होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, जिसका नुकशान सीधा सीधा किसानों झेलनी पड़ेगी, प्रखंड के कुछ किसानों का कहना है कि पिछले साल भी अच्छी बारिश नही होने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था, लोहरदगा जिला के हजारों किसानों का फसल राहत योजना के तहत 3500 की बकाया राशि का भुगतान किया जाना था, ताकि झारखंड सरकार ने राज्य के सूखे से प्रभावित जिलों के 7 प्रखंडों में किसानों को राहत देने के लिए झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत सरकार के 3 वर्ष पूरा होने के मौके पर 29 दिसंबर 2022 को किसानों के खाते में एकमुश्त राशि 3500 भेजने का निर्णय लिया था। इसके लिए किसानों को आवेदन देने के लिए पोर्टल भी खोला गया था।
जिसके तहत लोहरदगा जिला के हजारों किसानों ने फसल राहत योजना के लिए आवेदन भरा था लेकिन सात माह बीत जाने के बावजूद अभी भी लोहरदगा जिला के हजारों किसानों को फसल राहत योजना का लाभ नहीं मिल पाया है । लोहरदगा जिला में अभी सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। किसान परेशान हैं जिले के हजारों किसान बैंकों सहित कई स्थानों से लोन लेकर बीज बोए हैं बारिश नहीं होने के कारण बिछड़ा खेत में सुख रहे हैं। परंतु अभी सरकार की तरफ से फसल राहत योजना की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है।

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