न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रिम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग ने चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुए एक अत्यंत जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्जरी को अंजाम दिया है। लोहरदगा निवासी 60 वर्षीय पार्वती देवी, जो पिछले दो दशकों से मिर्गी की बीमारी से जूझ रही थीं, उनके मस्तिष्क से लगभग 200 ग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया है। पार्वती देवी को लंबे समय से मिर्गी के दौरे आते थे और उन्होंने झारखंड के विभिन्न हिस्सों में कई चिकित्सकों से इलाज कराया, लेकिन बीमारी के मूल कारण का पता नहीं चल पाया था। हाल ही में उन्होंने रिम्स निदेशक एवं प्रख्यात न्यूरोसर्जन प्रो. (डॉ.) राजकुमार की ओपीडी में परामर्श लिया। जांच के दौरान उनके मस्तिष्क में एक बड़े ट्यूमर की पुष्टि हुई।
अत्यंत संवेदनशील स्थान पर था ट्यूमर
ट्यूमर मस्तिष्क के उस हिस्से में स्थित था जहां से प्रमुख रक्तवाहिनियां गुजरती हैं, जिससे यह ऑपरेशन विशेष रूप से जटिल हो गया। न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम ने डॉ. राजकुमार के नेतृत्व में शनिवार को यह जटिल ऑपरेशन किया। अत्यंत सावधानीपूर्वक किए गए इस ऑपरेशन में ट्यूमर को बिना किसी रक्तवाहिनी को क्षतिग्रस्त किए हटाया गया। डॉ. राजकुमार ने बताया इस प्रकार की सर्जरी में न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं का खतरा अधिक रहता है। मस्तिष्क की प्रमुख रक्तवाहिनियों के पास स्थित ट्यूमर को हटाना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।
ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर
ऑपरेशन के पश्चात पार्वती देवी को पूरी तरह होश में लाया गया है और उनकी स्थिति अब स्थिर है। चिकित्सकों का कहना है कि मरीज जल्द ही सामान्य जीवन में लौट सकेंगी। उन्हें कुछ दिनों तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाएगा।
चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर
इस सफलता को रिम्स के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह न सिर्फ संस्थान की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है, बल्कि यह बताता है कि झारखंड में भी अब विश्वस्तरीय जटिल न्यूरोसर्जरी संभव है। रिम्स निदेशक प्रो. राजकुमार ने कहा हमारा लक्ष्य है कि रिम्स को एक उत्कृष्ट चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जहाँ देश के कोने-कोने से आने वाले मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज मिल सके।
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