न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राजधानी रांची में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई 2009) के तहत निजी विद्यालयों की लापरवाही अब प्रशासन के निशाने पर आ गई है। जिले के कई नामचीन निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों का नामांकन नहीं किए जाने को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी स्कूलों के प्राचार्य को पत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि जिन स्कूलों ने अब तक आरटीई के तहत चयनित बच्चों का नामांकन नहीं किया है, वे 07 जुलाई 2025 तक यह प्रक्रिया पूर्ण करें, अन्यथा उनके विरुद्ध शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
72 में 43 स्कूलों ने नहीं किया एक भी नामांकन
जिला शिाा अधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी आईटीई रांची की ओर से जारी सूची के अनुसार 72 में से 43 ऐसे स्कूल हैं जहां आरटीई के अंतर्गत एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। जबकि लॉटरी के माध्यम से बच्चों का चयन पूर्व में ही किया जा चुका था। डीसी की ओर से सभी स्कूलों के प्राचार्य से कहा कि चयनित बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर नामांकन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा। यदि कोई स्कूल जानबूझकर नामांकन से इनकार करता है, तो सीबीएसई मान्यता रद्द करने तक की अनुशंसा की जा सकती है।
आठ जुलाई को डीसी ने बुलाई विशेष बैठक
डीसी ने 08 जुलाई को सभी ऐसे स्कूलों के प्रधानाचार्यों की विशेष बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में नामांकन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। डीसी ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का मौलिक हक़ है। इसे सुनिश्चित करना स्कूलों की जिम्मेदारी है। कोई भी विद्यालय यदि इसमें बाधा डालता है, तो प्रशासन सख्ती से निपटेगा। मतलब साफ है कि निजी विद्यालयों ने निर्धारित समयावधि में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण नहीं की, तो उन्हें कठोर दंडात्मक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।