मुस्लिम ग्वाला (गद्दी) समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग हुई तेज़

न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची। झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा आज स्टेट गेस्ट हाउस, रांची में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम में मुस्लिम ग्वाला (गद्दी) समुदाय को केंद्र सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने की मांग जोर-शोर से उठाई गई। ऑल गद्दी समाज (झारखंड) के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यह समुदाय पारंपरिक रूप से दूध व्यवसाय, पशुपालन, छोटी दुकानों और दिहाड़ी मज़दूरी जैसे कार्यों पर निर्भर है और सामाजिक व आर्थिक रूप से अत्यंत पिछड़ा हुआ है।

केंद्र की ओर से दिए जाने वाले आरक्षण से हैं वंचित
गद्दी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने कहा कि झारखंड की बीसी-2 सूची में इस समुदाय को शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है, किंतु अब तक इसे केंद्र की ओबीसी सूची में स्थान नहीं मिल पाया है। इससे समुदाय के लोग केंद्र प्रायोजित योजनाओं, नौकरियों व शिक्षा में मिलने वाले आरक्षण से वंचित हैं। जबकि, कानूनी रूप से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) के तहत सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण का अधिकार है, जिसे यह समुदाय पूर्णतः प्राप्त करने का हकदार है।

झारखंड सहित आसपास के राज्य में समुदाय की उपस्थिति
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मुस्लिम ग्वाला (गद्दी) समुदाय की उपस्थिति रांची, डोरंडा, जमशेदपुर, जुगसलाई, बिष्टुपुर, धनबाद, झरिया, चक्रधरपुर, गिरिडीह, पुरुलिया और शंभलपुर सहित अनेक जिलों में है।

वंचित रह जाएगा गद्दी समुदाय
ऑल गद्दी समाज (झारखंड) ने कहा कि यदि समय रहते निर्णय नहीं लिया गया तो समुदाय वंचित रह जाएगा। अतः उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में साहेब अली पप्पू गद्दी, आरिफ़ हुसैन, जमाल गद्दी, फैय्याज गद्दी, मेराज आबादी, अरशद गद्दी, अनीस गद्दी, इमरान गद्दी सहित कई समाजसेवी व बुद्धिजीवी शामिल थे। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाए जिससे इस समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में स्थान मिल सके।

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