
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में मंईयां सम्मान योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जिले में 2912 लाभुकों ने एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर योजना का लाभ उठाया। यह खुलासा जिला प्रशासन को मिली शिकायतों के आधार पर हुआ, जिसके बाद डीसी अनन्या मित्तल ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन की ओर से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को तीन कार्यदिवसों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। शिकायतों में यह भी सामने आया कि लाभुकों की सूची में पुरुषों और फर्जी मुस्लिम परिवारों के नाम शामिल किए गए हैं।
जहां कोई मुस्लिम नहीं वहां भी 15 परिवारों के नाम से हुआ फर्जीवाड़ा
घाटशिला के हेडलजुड़ी पंचायत, पोटका के जुड़ी और चाकड़ी पंचायत जैसे क्षेत्रों में जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, वहां सूची में 15 मुस्लिम परिवारों के नाम पाए गए। इसी तरह, चाकुलिया में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर योजना का लाभ लिया लेने की बात सामने आ रही है।

दोषियों से की जाएगी राशि की वसूली
डीसी अनन्या मित्तल ने साफ कहा है कि ऐसी अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी लाभुकों के नाम सूची से हटाए जाएंगे और अब तक दी गई राशि उनसे वसूली जाएगी। यदि किसी कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक जांच में इन क्षेत्रों में गड़बड़ी के मामले आए सामने
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबसे अधिक मामले पोटका (573), जमशेदपुर अंचल (390) और गोलमुरी सह जुगसलाई (388) से सामने आए हैं। इसके अलावा मानगो अंचल (300), घाटशिला (271), बोड़ाम (191), चाकुलिया प्रखंड (164), गुड़ाबांदा (122), पटमदा (113), डुमरिया (111), बहरागोड़ा (99), मुसाबनी (97), धालभूमगढ़ (81) और चाकुलिया अंचल (10) में भी अनियमितताएं पाई गईं।
पहले भी कई गड़बड़ियां आ चुकी है सामने
यह पहला मौका नहीं है जब मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आई है। पिछले वर्ष भी घाटशिला की एक पंचायत में 174 मुस्लिम महिलाओं के नाम फर्जी रूप से जोड़े गए थे। वहीं, हजारीबाग के इचाक प्रखंड में भी 876 फर्जी लाभुकों की पहचान हुई थी, जहां बंगाली समुदाय न होने के बावजूद बनर्जी, मुखर्जी जैसे नामों से लाभ लिया गया था। प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना जिला कार्यालय को दें, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
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