
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड के देवघर जिले के पालोजोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुधानी निवासी मेराज अंसारी की कथित पुलिस हिरासत में मौत को लेकर राज्यभर में आक्रोश फैलता जा रहा है। इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हुए सामाजिक संगठन जमिअतुल मोमेनिन चौरासी झारखंड ने एक प्रस्ताव पारित कर इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है। चौरासी के सरपरस्त कमेटी के अध्यक्ष मास्टर सादिक अंसारी की ओर से जानकारी दी गई है कि इस संबंध में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (अल्पसंख्यक विभाग) के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार को त्वरित आर्थिक मुआवजा देने की अपील की गई है।
पत्नी का आरोप, पुलिस ने घर में घुसकर बेरहमी से पीटा
चौरासी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मृतक मेराज अंसारी की पत्नी मलीना खातून ने इस संबंध में थाना प्रभारी, पालोजोरी थाना, देवघर को एक लिखित शिकायत दी है। उनके अनुसार, 21 मई 2025 को पालोजोरी थाना सहित तीन थानों के प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ उनके घर पहुंचे और बिना किसी वारंट या कारण बताए मेराज अंसारी को बर्बरता से पीटना शुरू कर दिया। मलीना खातून का कहना है कि जब परिजनों ने इसका कारण पूछा तो पुलिसकर्मियों ने धमकी देते हुए कहा, “सबको बर्बाद कर देंगे।” इसके बाद मेराज अंसारी को गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल, देवघर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अमानवीयता की पराकाष्ठा है यह घटना- जमिअतुल मोमेनिन
संगठन के सरपरस्त कमेटी के अध्यक्ष मास्टर सादिक अंसारी ने इसे “अमानवीयता की पराकाष्ठा” करार दिया और कहा कि यह घटना न केवल पुलिसिया बर्बरता को उजागर करती है बल्कि झारखंड में कमजोरों के खिलाफ हो रहे अत्याचार की भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यदि दोषियों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होगा।
जमिअतुल मोमेनिन चौरासी की क्या है प्रमुख मांगें?
– मेराज अंसारी की मौत की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए।
– दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
– पीड़ित परिवार को अविलंब उचित मुआवजा दिया जाए।
– भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़ी पुलिस निगरानी और सुधार के उपाय किए जाएं।
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