
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार, 28 मई 2025 को जिल्हिज्जा 1446 हिजरी का चांद दिखाई दिया। जिसके साथ ही ईद-उल-अज़हा की तारीख़ का ऐलान कर दिया गया है। ईद-उल-अज़हा, जिसे आमतौर पर बकरीद कहा जाता है, इस वर्ष शनिवार, 07 जून 2025 को मनाई जाएगी। इस मौके पर देशभर में मुस्लिम समुदाय ईद की नमाज़ अदा करेंगे और कुर्बानी देंगे।
एदार-ए-शरीया ने की चांद दिखने की पुष्टि
एदार-ए-शरीया ने ज़िल्हिज्जा का चांद देखे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि 29 मई 2025, गुरुवार को इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 1 जिल्हिज्जा 1446 हिजरी है। इसके अनुसार, 10 जिल्हिज्जा को यानी शनिवार, 07 जून 2025 को ईद-उल-अज़हा मनाई जाएगी। संगठन ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि तयशुदा दिन पर नमाज़ अदा करें और शांति व भाईचारे के साथ कुर्बानी दें।

दारुल क़ज़ा इमारत-ए-शरीया ने भी की घोषणा
इसी क्रम में दारुल क़ज़ा इमारत-ए-शरीया, रांची (बिहार, उड़ीसा और झारखंड) के क़ाज़ी-ए-शरीअत मुफ्ती मोहम्मद अनवर क़ासमी ने भी ऐलान किया है कि 28 मई की शाम को चांद रांची समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आम तौर पर देखा गया। उन्होंने बताया कि यह निर्णय मरकज़ी दारुल क़ज़ा इमारत-ए-शरीया, फुलवारी शरीफ़, पटना द्वारा लिया गया है।
ईद-उल-अज़हा: त्याग और बलिदान का प्रतीक
ईद-उल-अज़हा इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की अल्लाह के प्रति वफ़ादारी और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय जानवर की कुर्बानी करते हैं।
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