
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राजधानी रांची में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपनी चालबाज़ियों से लोगों को फंसाने की कोशिश की है। इस बार उनका निशाना बने रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टर। डॉ. निशित एक्का को एक फर्जी कॉल आई, जिसमें पार्सल डिलीवरी के नाम पर एक बेहद शातिर साइबर फ्रॉड का जाल बिछाया गया। लेकिन उनकी सतर्कता ने एक बड़ी ठगी को टाल दिया।
पार्सल के बहाने जाल: नया साइबर ट्रैप
डॉ. निशित एक्का ने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को ब्लूडार्ट कूरियर ऑफिस से बताया। उस व्यक्ति ने कहा कि उनका पार्सल डिलीवरी के लिए निकला है, लेकिन डिलीवरी एग्जीक्यूटिव घर नहीं ढूंढ पा रहा है और कॉल नहीं कर पा रहा है। इसके बाद कॉल करने वाले ने एक एसएमएस भेजने की बात कही, जिसमें डिलीवरी ब्वॉय का नंबर होने का दावा किया गया। जब एसएमएस आया, उसमें लिखा था: *21*PhoneNumber#
यह कोड किसी डिलीवरी ब्वॉय का नंबर नहीं, बल्कि मोबाइल कॉल फ़ॉरवर्डिंग को सक्रिय करने वाला USSD कोड था।

कॉल फॉरवर्डिंग चाल: कैसे होता है फ्रॉड?
इस कोड को डायल करते ही यूजर के सारे इनकमिंग कॉल्स—including बैंक ओटीपी, लॉगिन वेरिफिकेशन, और अन्य ज़रूरी कॉल्स—ठग के नंबर पर फ़ॉरवर्ड हो जाते हैं। इसके बाद फ्रॉडस्टर आपकी निजी जानकारी, ओटीपी और बैंक खातों तक पहुंच बना सकते हैं।डॉ. एक्का ने बताया, “मैंने तुरंत गूगल पर इस कोड को चेक किया और जब पता चला कि यह कॉल फॉरवर्डिंग का कोड है, तब मैंने कॉल करने से साफ मना कर दिया। अगर मैं सतर्क नहीं होता, तो मेरे सारे कॉल्स ठगों के पास पहुंच जाते।
अन्य डॉक्टर भी निशाने पर
सिर्फ डॉ. एक्का ही नहीं, रिम्स के अन्य चिकित्सकों को भी इसी तरह की कॉल्स आई हैं। डॉ. देवेश और डॉ. अर्चना कुमारी ने भी बताया कि उन्हें ब्लूडार्ट के नाम पर फर्जी कॉल्स आए, जिनमें इसी ट्रिक का इस्तेमाल हुआ। यह घटना यह दर्शाती है कि साइबर अपराधी अब शिक्षित एवं प्रोफेशनल वर्ग को भी शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। डॉ. एक्का की जागरूकता ने उन्हें एक बड़े फ्रॉड से बचा लिया। लेकिन जरूरी है कि आम लोग भी इस तरह की ट्रिक्स को समझें और दूसरों को जागरूक करें।
सावधान रहें, सतर्क रहें
-किसी अनजान नंबर से आए कूरियर या पार्सल कॉल्स पर तुरंत विश्वास न करें।
-कोई भी USSD कोड (*…#) बिना जांचे-परखे फोन में डायल न करें।
-अपने मोबाइल और बैंकिंग एप्स में दो-स्तरीय सुरक्षा रखें।
-ऐसी किसी भी घटना की तुरंत 112 या साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें।
