
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड में 1 जून से 27 जून 2025 तक के बीच मानसून ने राज्य में दोहरी तस्वीर पेश की है। भारत मौसम विभाग, मौसम केंद्र रांची द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जहां एक ओर रांची, लोहरदगा और रामगढ़ जैसे जिलों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर देवघर, पाकुड़ और गोड्डा जैसे जिलों में बारिश की भारी कमी देखी गई।
रांची में सबसे अधिक वर्षा
राज्य की राजधानी रांची में इस अवधि में 552.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो कि सामान्य वर्षा 198.7 मिमी की तुलना में 178% अधिक है। यह पूरे राज्य में सबसे अधिक वर्षा का आंकड़ा है, जिससे शहर में जलजमाव और ट्रैफिक की समस्याएं भी सामने आई हैं।

अन्य प्रमुख वर्षा वाले जिले
रांची के अलावा लोहरदगा (464 मिमी, +193%), रामगढ़ (430.3 मिमी, +147%), सरायकेला-खरसावां (438.6 मिमी, +132%) और दुमका (423.3 मिमी, +97%) में भी सामान्य से बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई।
जहां बारिश में भारी गिरावट
वहीं दूसरी ओर, कई जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। देवघर में सिर्फ 129.6 मिमी वर्षा हुई जबकि सामान्य 166.6 मिमी थी, जो -62% की गिरावट दर्शाता है। गोड्डा में -51% और पाकुड़ में -26% की कमी सामने आई है।
शीर्ष 5 जिले – सबसे अधिक वर्षा (वास्तविक मिमी में)
1. रांची – 552.2 मिमी (+178%)
2. लोहरदगा – 464 मिमी (+193%)
3. रामगढ़ – 430.3 मिमी (+147%)
4. सरायकेला-खरसावां – 438.6 मिमी (+132%)
5. दुमका – 423.3 मिमी (+97%)
शीर्ष 5 जिले – सबसे कम वर्षा (सामान्य से कमी % में)
1. देवघर – -62%
2. गोड्डा – -51%
3. पाकुड़ – -26%
4. गिरिडीह – -17%
5. साहिबगंज – -16%
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि झारखंड में यह असमान वर्षा स्थानीय जलवायु परिस्थितियों और मॉनसून के कमजोर प्रवाह का परिणाम है। जहां कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं, वहीं दूसरे हिस्से अब भी वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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