
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
रांची नगर निगम ने एक बार फिर शहरवासियों से अपील की है कि वे होल्डिंग टैक्स का भुगतान समय पर करें, अन्यथा सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। निगम ने इस संबंध में चेतावनी दी है कि जो करदाता समय पर टैक्स का भुगतान नहीं करेंगे, उनके खिलाफ जुर्माना, कुर्की और संपत्ति की नीलामी जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निगम की अपील: समय पर टैक्स चुकता करें, नहीं तो होगा कड़ा कदम
रांची नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि, “इस वर्ष भी पहले त्रैमासिक भुगतान पर 10% तक की छूट दी जा रही है। इसके बावजूद, जो लोग भुगतान में देरी करेंगे, उनके खिलाफ झारखंड नगरपालिक अधिनियम की धारा 184(1) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

वसूली की कार्रवाई: क्या होगा यदि देरी की?
रांची नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि समय सीमा के बाद बकाया करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निगम ने इस प्रक्रिया को लेकर निम्नलिखित कदमों की जानकारी दी है:
– मांग पत्र (Demand Notice): बकाया करदाताओं को नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें कर का भुगतान करने के लिए निर्धारित समय सीमा दी जाएगी।
– भुगतान में देरी होने पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
वसूली की कठोर कार्रवाई:
कुर्की: समय पर भुगतान न करने पर करदाता की संपत्ति कुर्क की जा सकती है।
नीलामी: बकाया कर की वसूली के लिए निगम भवनों की नीलामी कर सकता है।
बैंक खाता फ्रीज: करदाताओं के बैंक खाते भी फ्रीज किए जा सकते हैं।
संपत्ति की जब्ती: आवश्यकता पड़ने पर नगर निगम संपत्ति की जब्ती कर उसे बेचने का अधिकार रखता है।
वारंट भी जारी किए जा सकते हैं।
निगम की अपील: बकाया टैक्स तुरंत चुकाएं
रांची नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे पिछले वित्तीय वर्ष का बकाया टैक्स जल्द से जल्द जमा करें ताकि शहर के विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा सकें। निगम ने यह भी बताया कि समय पर भुगतान करने वाले करदाताओं को छूट का लाभ भी मिलेगा।
नगर निगम की चेतावनी: समय पर भुगतान न करने पर सख्त कदम
रांची नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि बकाया कर की वसूली के लिए अब कोई ढील नहीं दी जाएगी। निगम द्वारा शुरू किए गए जागरूकता अभियान, शिविर, और ऑनलाइन/डोर-टू-डोर सुविधाओं के बावजूद अगर करदाता समय पर भुगतान नहीं करते, तो उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
झारखंड नगरपालिक अधिनियम की धारा 184 (1)
इस धारा के तहत निगम को बकाया कर की वसूली के लिए कानूनी अधिकार प्राप्त हैं, जिनके अंतर्गत करों की वसूली के लिए मांग-पत्र, पेनल्टी और कुर्की-नीलामी जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
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