
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
हिंदपीढ़ी इलाके में जानलेवा हमले के मामले में फरार चल रहे पूर्व पार्षद असलम के तीन भाइयों — मो. अकबर उर्फ मुन्ना, मो. अकरम उर्फ राजू और मो. दिलावर — ने पुलिस के बढ़ते दबाव के बीच मंगलवार को रांची कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की ओर से कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की तैयारी अंतिम चरण में थी, लेकिन कार्रवाई से ठीक पहले तीनों ने आत्मसमर्पण कर जेल की राह चुन ली।
पुलिस दबिश बनी वजह
हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र में हुई इस हिंसक वारदात के बाद से तीनों आरोपी फरार थे। कोर्ट ने इनके खिलाफ कुर्की-जब्ती का आदेश जारी कर दिया था और बुधवार को कोतवाली डीएसपी प्रकाश स्वीकृत के नेतृत्व में पुलिस टीम घर पर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही आरोपियों ने सरेंडर कर दिया, जिससे पुलिस को ऑपरेशन रोकना पड़ा।

क्या है मामला?
पूरा मामला 22 जनवरी 2025 की शाम का है, जब मोजाहिद नगर निवासी इरशाद उर्फ अप्पू पर जानलेवा हमला किया गया था। इस घटना के पीछे पूर्व पार्षद असलम और उनके भाइयों का नाम सामने आया। 23 जनवरी को इरशाद के रिश्तेदार कलीम ने हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि इरशाद पर फायरिंग और मारपीट की गई थी। यह पूरी घटना सीसीटीवी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए सार्वजनिक हुई थी।
पहले ही जेल में हैं असलम और आसिफ
इस केस में पूर्व पार्षद असलम और उनके भाई मो. आसिफ ने पिछले महीने ही कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जमानत के लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। अब उनके तीन और भाई – मुन्ना, राजू और दिलावर – भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।
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