
न्यूज़ स्टॉपेज डेस्क
ईद-उल-अजहा (कुर्बानी) का पर्व इस बार 7 जून को पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा। इसे लेकर राजधानी रांची में एदार-ए-शरिया झारखंड की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक इस्लामी मरकज, हिंदपीढ़ी में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मौलाना डॉ. ताजुद्दीन रिजवी ने की, जबकि संचालन नाज़िमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने किया। बैठक की शुरुआत कुरान की तिलावत से हुई, इसके बाद कई उलेमा और बुद्धिजीवियों ने अपने सुझाव दिए। बैठक के बाद एदारा ने पूरे राज्य के मुसलमानों के लिए दिशा-निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं ताकि त्योहार शांति, साफ-सफाई और आपसी भाईचारे के माहौल में मनाया जा सके। मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि कुर्बानी के अवसर पर नगर निगम से समन्वय बनाकर सफाई व्यवस्था बेहतर की जाए। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से नगर आयुक्त से मिलने का भी सुझाव दिया।
मस्जिदों से दी जाएगी जानकारी
एदार-ए-शरिया ने निर्णय लिया है कि 6 जून को जुमा की नमाज के दौरान मस्जिदों में होने वाली तकरीरों में गाइडलाइन की जानकारी दी जाएगी। साथ ही सफाई को लेकर विशेष निर्देश दिए जाएंगे ताकि त्योहार के दिन किसी प्रकार की असुविधा न हो। एदारा ने यह भी अपील की है कि जो लोग कुर्बानी कर रहे हैं, वे 300 या 500 रुपये मदरसों में गरीब बच्चों की मदद के लिए दें।

ये निर्देश किए गए जारी
– कुर्बानी के तबर्रुक (प्रसाद) की ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगाई गई है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना उचित नहीं माना गया है।
– कुर्बानी के बाद बचा कचरा गांवों में जमीन में दफन करें, शहरों में सावधानीपूर्वक नगर निगम के कचरा वाहन में डालें। इधर-उधर न फेंकें।
– मस्जिद कमेटी, मोहल्ला कमेटी, पंचायत और अंजुमन अपने-अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी लें
– कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न करें। इससे सांप्रदायिक तनाव हो सकता है और कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
– पर्दे का पूरा ख्याल रखें। कुर्बानी करते समय इस्लामी हिदायतों का पालन करें।
– कुर्बानी का अमल दीनदार आलिम या हाफिज से कराएं, यदि स्वयं करने में असमर्थ हैं।
सरकार से की ये मांग
एदार-ए-शरिया ने झारखंड सरकार से मांग की है कि ईद-उल-अजहा के अवसर पर कानून व्यवस्था, साफ-सफाई, पेयजल और बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो सके। बैठक में कारी अयूब रिजवी, मुफ्ती इजाज हुसैन मिस्बाही, मुफ्ती जमील अहमद मिस्बाही, मुफ्ती आकिब जावेद मिस्बाही, मौलाना मिनहाजुद्दीन रिजवी, मौलाना अब्दुल सलाम, कारी अब्दुल्ला खान, मौलाना मसूद फरीदी काजी, कारी तबीब आलम सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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