
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य इबरार अहमद ने अपनी नई पुस्तक ‘वक्फ और सियासत’ की पहली प्रति झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को उनके आवास पर भेंट की। यह पुस्तक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, वक्फ बोर्डों की भूमिका, और उनमें राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे गंभीर विषयों पर केंद्रित है।
पुस्तक को लेकर चर्चा तेज हो गई
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस पुस्तक को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसमें वक्फ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से लेकर वर्तमान में उसके सामने खड़ी चुनौतियों तक का विश्लेषण किया गया है। लेखक ने यह भी दर्शाया है कि कैसे वक्फ संस्थानों पर राजनीतिक दबाव या सरकारी नियंत्रण का असर उनकी स्वायत्तता और पारदर्शिता पर पड़ता है।

मंत्री ने बताया उपयोगी
पुस्तक की प्रति प्राप्त कर डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि यह किताब वक्फ और राजनीति के बीच के रिश्ते को समझने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि “इसमें दी गई जानकारियां समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करेंगी और एक जरूरी विमर्श की शुरुआत करेंगी।” इस अवसर पर गुलरेज अंसारी, मधुपुर के पूर्व मेयर फैयाज कैसर और माही संगठन के सदस्य मोहम्मद शकील भी उपस्थित रहे।
लेखक की मंशा
लेखक इबरार अहमद का उद्देश्य वक्फ व्यवस्था को पारदर्शी, जवाबदेह और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त बनाना है। उनका मानना है कि जब तक वक्फ से जुड़ी सच्चाई आम जनता तक नहीं पहुंचेगी, तब तक इसका सही उपयोग नहीं हो सकेगा।
READ MORE : 4339 उर्दू शिक्षकों की बहाली का ऐलान, मुस्लिम समाज में खुशी की लहर
READ MORE : फर्जी मैसेज से रहें सावधान! जल कनेक्शन काटने की मिल रही झूठी धमकी
