
– मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना के तहत 1.40 अरब की स्वीकृति
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की स्थिति अब सुधरेगी। राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना’ के तहत 1.40 अरब रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस राशि का उपयोग सभी जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम)/स्वास्थ्य उपकेंद्रों के भवनों की मरम्मति, संचालन, प्रबंधन और जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में किया जाएगा।

भवनों की मरम्मति से लेकर अग्निशमन तक की होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अस्पताल भवनों की छत, दीवारें, खिड़कियां, बिजली-पानी, शौचालय, अग्निशमन व्यवस्था, बागवानी, साफ-सफाई जैसी तमाम आवश्यक सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही मरीजों और परिजनों के लिए बैठने की व्यवस्था, दवाएं, चिकित्सकीय उपकरण, सोलर लाइट, रेफ्रिजरेटर, वृक्षारोपण आदि भी इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाएंगे।
हर अस्पताल का रंग होगा अलग
अस्पतालों की पहचान के लिए अब हर श्रेणी के अस्पताल को अलग रंग में रंगा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि नए व पुराने सभी भवनों की रंगाई-पुताई मानक के अनुसार होगी।
सदर अस्पताल – सफेद
अनुमंडल अस्पताल – हल्का पीला
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – हल्का गुलाबी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – हल्का नीला
एएएम/स्वास्थ्य उपकेंद्र – येलो मेटैलिक
सौर ऊर्जा और समय पर भुगतान की जिम्मेदारी
संबंधित चिकित्सा केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को विद्युत एवं जल आपूर्ति बिलों के समय पर भुगतान की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं सिविल सर्जन अपने जिले के अस्पतालों में सौर ऊर्जा और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित करेंगे।
अनाबद्ध निधि से मिलेगा वार्षिक खर्च का प्रावधान
इस योजना के तहत विभिन्न अस्पतालों के लिए तय वार्षिक अनाबद्ध निधि निम्नलिखित है:
चिकित्सा संस्थान वार्षिक राशि (रुपये में)
सदर अस्पताल – 75,00,000
अनुमंडल अस्पताल – 50,00,000
सीएचसी/रेफरल अस्पताल – 10,00,000
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र – 5,00,000
स्वास्थ्य उपकेंद्र/एएएम – 2,00,000
दवा की खरीद में विशेष शर्तें
योजना के अंतर्गत दवा की खरीद तभी की जा सकेगी जब अन्य निर्धारित मदों से राशि उपलब्ध नहीं होगी। प्राथमिकता भवन रख-रखाव व संचालन पर ही दी जाएगी।
READ MORE: नई शुरुआत: सदर अस्पताल रांची में पहली बार हुआ लेप्रोस्कोपिक गॉलब्लैडर सर्जरी
READ MORE: GOOD NEWS : रांची सदर अस्पताल में अब शाम की शिफ्ट में भी मिलेगी ओपीडी और ओटी सुविधा
