
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड की राजधानी स्थित सदर अस्पताल, रांची ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर अपनी दक्षता और समर्पण का लोहा मनवाया है। आयुष्मान भारत – मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावशाली क्रियान्वयन में यह अस्पताल देशभर में प्रथम स्थान पर रहा है। यह उपलब्धि न सिर्फ झारखंड के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह दिखाती है कि सरकारी संस्थान भी समर्पण, योजना और टीमवर्क के बल पर राष्ट्रस्तरीय सफलता अर्जित कर सकते हैं।
मेडिकल कॉलेजों की श्रेणी में मिला चौथा स्थान
सदर अस्पताल, रांची ने जिला अस्पतालों की सूची में जहां पहला स्थान हासिल किया है, वहीं मेडिकल कॉलेजों और अन्य सरकारी संस्थानों की श्रेणी में इसे चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। यह इस बात का प्रमाण है कि अस्पताल की सेवा गुणवत्ता, कार्यप्रणाली और टीम की दक्षता राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती है।

दो लाख से अधिक मरीजों को मिला निःशुल्क लाभ
अस्पताल द्वारा अब तक 2 लाख से अधिक आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को निःशुल्क इलाज एवं विशेष चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा चुकी हैं। चाहे सामान्य बीमारियों का इलाज हो या जटिल ऑपरेशन कृ मरीजों को बिना किसी आर्थिक बोझ के इलाज की सुविधा मिली है। यह पहल झारखंड के ग्रामीण व जरूरतमंद तबके के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं में लगातार विस्तार
बीते वर्षों में सदर अस्पताल, रांची ने चरणबद्ध रूप से हृदय रोग, नेत्र रोग, श्वसन तंत्र, मूत्ररोग, और हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण जैसी सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं की शुरुआत की है। इससे न केवल रांची बल्कि आसपास के जिलों व ग्रामीण इलाकों को भी उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।
अपर मुख्य सचिव ने जताया हर्ष, दी बधाई
झारखंड के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अजय कुमार सिंह ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर सदर अस्पताल की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह सफलता अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, तकनीकी और प्रशासनिक टीमों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि राज्य के अन्य अस्पताल इस मॉडल से प्रेरित होकर उत्कृष्टता की दिशा में कार्य करेंगे।
राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सेवा सुधार का प्रतीक बना रांची सदर
यह उपलब्धि केवल एक संस्थान की नहीं बल्कि झारखंड राज्य की स्वास्थ्य सेवा सुधार यात्रा का प्रतिबिंब है। यह प्रमाणित करता है कि यदि योजनाओं का संचालन पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रतिबद्धता के साथ किया जाए, तो सरकारी ढांचा भी निजी क्षेत्र जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवा दे सकता है। राज्य सरकार अब इस मॉडल को अन्य जिलों में भी अपनाने की तैयारी कर रही है।
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