
– मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि देने को लेकर पहल करने को कहा, नोडल पदाधिकारी नियमित गांव में करें बैठक
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष (दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री) शमशेर आलम एवं प्रणेश सोलामन, सदस्य बरकत अली एवं इकरारूल हसन बुधवार को बोकारो जिला दौरा पर थे। आयोग पिछले दिनों जिले के बेरमो अनुमंडल अंतर्गत पेंक नारायणपुर में एक व्यक्ति के पीट-पीटकर मार डालने के मामले की जांच, मृतक के परिजनों/ग्रामीणों से मुलाकात को पहुंची थी। आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्य ने बोकारो परिसदन में डीसी विजया जाधव, एसपी मनोज स्वर्गियारी, अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, एसडीपीओ बीएन सिंह, संबंधित बीडीओ, सीओ, पुलिस निरीक्षक, थाना प्रभारी आदि के साथ बैठक की। बैठक में उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने विस्तार से घटनाक्रम, मामले में अब तक पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में डीसी-एसपी व अन्य पदाधिकारियों से जानकारी ली। एसपी ने बताया कि मामले में अब तक कुल चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है, वायरल वीडियो के माध्यम से और 03 लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है, जिनकी गिरफ्तारी को लेकर दबिश जारी है।
कार्रवाई पर जंतोष किया जाहिर
आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्य ने जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्रवाई पर संतोष जताया। कहा कि प्रशासन ने मामले में मॉब लिंचिंग का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की है। उपाध्यक्ष ने मृतक के परिजन (मां) को प्रावधान के अनुरूप मुआवजा राशि भुगतान के दिशा में पहल करने एवं मामले की सुनवाई को लेकर मुफ्त न्यायिक सहायता पीड़ित परिजन को मुहैया कराने को कहा है।

इस तरह की घटना पर अंकुश लगे
बैठक के बाद बोकारो परिसदन में उपाध्यक्ष एवं सदस्य के द्वारा संवाददाता सम्मेलन किया। जिसमें कहा कि सरकार एवं आयोग मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर संवेदनशील है। इस तरह की घटना पर अंकुश लगे इसकी पुनरावृति नहीं हो। इस दिशा में कार्य कया जा रहा है। जिला प्रशासन ने मामले में सख्ती से निपटते हुए कार्रवाई की है, कुछ आरोपितों की गिरफ्तारी की गई है, कुछ आरोपितों को गिफ्तार करने की कार्रवाई किया जा रहा है। मामले में किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। इससे पूर्व, डीसी और एसपी ने बोकारो परिसदन में आयोग के उपाध्यक्ष को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। मौके पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।
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