
न्यूज स्टॉपेज डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अपनी भूमिका को अहम बताया है। चार दिनों में यह उनका इस मुद्दे पर चौथा बयान है। इस बार उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित अमेरिका-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम के दौरान यह बात कही। ट्रम्प ने कहा, “मैंने भारत और पाकिस्तान दोनों से कहा कि चलिए, एक डील करते हैं। व्यापार करते हैं। मिसाइलों और युद्धक हथियारों की बजाय उन वस्तुओं का व्यापार करें, जिन्हें आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने व्यापार को एक जरिया बनाकर दोनों देशों के बीच शांति की पहल की।
पहले भी सीजफायर का दे चुके हैं खुद को क्रेडिट
इससे पहले सोमवार को भी ट्रम्प ने भारत-पाक सीजफायर का श्रेय खुद को दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर दोनों देशों ने युद्ध नहीं रोका, तो अमेरिका ट्रेड नहीं करेगा। इस बयान के जरिए उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि अमेरिका की आर्थिक शक्ति को उन्होंने एक प्रभावी हथियार की तरह इस्तेमाल किया।

युद्ध नहीं शांति पसंद है
रियाद में अपने भाषण के दौरान ट्रम्प ने कहा, “मेरा सबसे बड़ा सपना दुनिया में शांति स्थापित करना है। मैं विभाजन नहीं, एकता चाहता हूं। युद्ध मुझे पसंद नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच जो टकराव चल रहा था, वह हर दिन गंभीर होता जा रहा था। अगर समय रहते वह नहीं रोका जाता, तो उसमें लाखों लोगों की जान जा सकती थी।”
दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला विदेशी दौरा
ट्रम्प इन दिनों अपने पहले आधिकारिक विदेशी दौरे पर हैं। मंगलवार को वह सऊदी अरब पहुंचे। यह दौरा चार दिन का है और इसके तहत वह मिडिल ईस्ट के कई अहम देशों का दौरा करेंगे। रियाद में गल्फ समिट में भाग लेने के बाद वह कतर रवाना होंगे और दौरे के अंतिम दिन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जाएंगे।
सीजफायर पर लगातार बयान देकर अपनी आर्थिक ताकत दिखा रहे हैं ट्रम्प
ट्रम्प के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य अमेरिका और खाड़ी देशों के बीच निवेश, सुरक्षा और शांति के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है। वहीं भारत-पाक सीजफायर मुद्दे पर उनके लगातार दिए जा रहे बयानों से यह भी स्पष्ट होता है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में शांति के लिए अपनी आर्थिक ताकत का प्रभाव दिखा रहा है।
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